एक शाम ब्रह्मपुत्र नद के किनारे... तस्वीर सफेदी ने...
2.
तिब्बत के एक हिस्से से ब्रह्मपुत्र नद निकलता है, तो दूसरी तरफ़ से सिंधु नदी.
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तिब्बत के एक हिस्से से ब्रह्मपुत्र नद निकलता है, तो दूसरी तरफ़ से सिंधु नदी.
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हिमालय से नि: सृत और तो सब नदियां, केवल सिंधु और ब्रह्मपुत्र नद है।
5.
तिब्बत के एक हिस्से से ब्रह्मपुत्र नद निकलता है, तो दूसरी तरफ़ से सिंधु नदी.
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आज मैं इतना ही कहूंगा कि ब्रह्मपुत्र नद पूरब की ओर गोआलपाड़ा तक जाकर वहां दक्षिण की ओर मुड़ता है।
7.
इस कथा को हम सभी जानते हैं परन्तु श्रृंगी ऋषि का आश्रम ब्रह्मपुत्र नद के किनारे सिंगरी में आज भी विद्यमान है इसे कितने लोग जानते हैं?
8.
संकल्प पर्व ' के रुप में विप्र महाकुंभ के दूसरे संस्करण का आगाज शुक्रवार 24 दिसम्बर की भोर मां कामाख्या देवी की महानगरी और ब्रह्मपुत्र नद की पवित्र स्थली गुवाहाटी से हुआ।
9.
ब्रह्मपुत्र नद को भारत की ओर मोड़ने का श्रेय परशुराम जी को है, यह आज ज्ञात हुआ (आभार!) पर यह सोच कर मन खिन्न हो जाता है कि अब चीन इस दुर्धर्ष महानद को अपने ढंग से ढाल रहा है-पता नहीं आगे और क्या-क्या होना है!
10.
चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नद व अन्य अनेक नदियों के बहाव को मोड़ने की शुरुआत के विरुद्ध भी कड़ा रुख अपनाते हुए भारत को चीन व तिब्बत से निकलने वाली नदियों के बहाव को मोड़ने से प्रभावित होने वाले सभी देशों यथा बाँग्लादेश, पाकिस्तान, लाओस, वियतनाम, कम्बोडिया, थाईलैण्ड व म्याँमा को साथ लेकर नदी जल के न्यायपूर्ण वितरण के समझौते के लिए चीन को वाध्य करना चाहिए।